माननीय केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने आज गुरूवार को बिहार के बेतिया में जनसभा को संबोधित करते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में बिहार और देश में हुए विकास कार्यों को रेखांकित किया और आरजेडी एवं कांग्रेस के कुशासन व वर्षों तक देश में व्याप्त भ्रष्टाचार की जमकर आलोचना की। कार्यक्रम के दौरान मंच पर राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्रीमती रेनू देवी, श्री नारायण प्रसाद, बेतिया से लोकसभा प्रत्याशी श्री संजय जायसवाल और वाल्मीकिनगर से लोकसभा प्रत्याशी श्री सुनील कुमार सहित अन्य नेतागण मंच पर उपस्थित रहे।श्री शाह ने कहा कि इन 4 चरण के चुनाव में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 270 सीट पर जीत हासिल कर ली है। लालू जी की पार्टी को 4 सीट तक नहीं मिल रही है और कांग्रेस को 40 सीट भी नहीं मिल रही है। इंडी गठबंधन का सूपड़ा साफ होने वाला है। इंडी गठबंधन में झूठ का व्यापार करने वाले लोग हैं, झूठ बोलकर जनता को गुमराह करके राजनीति में विजय प्राप्त करना चाहते है। घमंडिया गठबंधन वाले कहते है माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 400 पार करते ही आरक्षण हटा देंगे, लेकिन 10 वर्ष से आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के पास पर्याप्त बहुमत होने के बावजूद कभी भी आरक्षण बदलने का सोचा तक नहीं। जब तक संसद में भाजपा का एक भी सांसद है तब तक एससी, एसटी और पिछड़ों के आरक्षण कोई हाथ नहीं लगा सकता यह मोदी की गारंटी है। अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में डाका डालने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया है। कर्नाटक में 5 प्रतिशत और तेलंगाना में 4 प्रतिशत वर्ग विशेष को आरक्षण दिया जो संविधान सम्मत नहीं है। भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देता है। कांग्रेस पार्टी ने 5 प्रतिशत पिछड़ा और अति पिछड़ा का आरक्षण काट कर वर्ग विशेष को देने का काम किया है। लालू यादव कहते है की सब मुसलमानों को सात प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए, लेकिन जनता पूछना चाहती है कि किसका आरक्षण काटकर मुसलमानों को आरक्षण देंगे, क्या दलितों, पिछड़ों या आदिवासियों का आरक्षण काटकर अरक्ष्ण देंगे? लालू यादव इस मामले में स्पष्ट बयान दें। लालू यादव वोट बैंक के लिए और अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पिछड़ा समाज के विरोधी कांग्रेस पार्टी के गोदी में बैठे हैं। कांग्रेस पार्टी ने पिछड़ा समाज का विरोध किया, काका साहेब कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को दबाकर रख दिया, मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया और अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं दिया। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज को संवैधानिक मान्यता देने का काम किया है।