बेंजामिन नेतन्‍याहू के सामने बड़ी मुश्किल, ICC जारी कर सकता है अरेस्‍ट वारंट; समझें ऐसा होने पर होगा क्या?

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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फाइल फोटो)- India TV Hindi

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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फाइल फोटो)

Benjamin Netanyahu Arrest Warrant: इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। जंग में फंसे इजराइल को बड़ झटका लग सकता है। हमास के खिलाफ जारी जंग के बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बड़ी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। इजराइली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) गाजा में युद्ध से जुड़े आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नेतन्याहू और शीर्ष इजराइली अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की तैयारी कर रहा है। 

इजराइल भी उठा रहा कदम

टाइम्स ऑफ इजराइल ने रविवार को सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि इजराइल बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की संभावित योजना को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रहा है और इस दिशा में प्रयास भी किए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद गिरफ्तारी वारंट को रोकने के लिए अभियान का नेतृत्व कर रही है। विदेश मंत्रालय भी इसमें शामिल है। 

इजराइल पर बड़ा आरोप 

इजराइल इस मामले को बेहद गंभीर है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि इजराइली रक्षा बल (IDF) के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता ने शब्बात (इजरायली धार्मिक दिन) पर विदेश पत्रकारों के साथ विशेष प्रेस क्रॉन्फ्रेंस की, जिसमें गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए इजराइल की मदद के बारे में जानकारी दी गई। इसे इजराइल की तरफ से आईसीसी के अभियान के जवाब में की गई पहल के रूप में देखा गया है। इस बीच सूत्रों के मुताबिक जो खबर है अनुसार आईसीसी का प्रमुख यह आरोप होगा कि इजराइल ने गाजा में फिलिस्तीनियों को जानबूझकर भूखा रखा है।

अमेरिका ने क्या कहा

रॉयटर्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सोमवार को कहा, ‘आईसीसी एक स्वतंत्र संगठन है और उनके प्रयास अमेरिका के किसी भी संपर्क या हस्तक्षेप के बिना किए जा रहे हैं।’ हालांकि, व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने बाद में कहा, ‘इस स्थिति में आईसीसी का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और हम इसकी जांच का समर्थन नहीं करते हैं।’

वारंट जारी होने का प्रभाव 

रॉयटर्स के मुताबिक, इंग्लैंड में एसेक्स यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के लेक्चरर मैथ्यू गिललेट ने कहा कि गिरफ्तारी वारंट जारी होने बाद व्यक्ति उन 120 से अधिक देशों की यात्रा नहीं कर पाएगा जो आईसीसी के सदस्य हैं। ऐसा करने पर उसके गिरफ्तार होने की संभावना होती है। आईसीसी के मेंबर्स में अधिकांश यूरोपीय देश, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। गिललेट ने कहा कि अगर इजराइली अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है तो कुछ सहयोगी देश हथियारों की सप्लाई कम करने, राजनयिक यात्राओं को कम करने या फिर इजराइल के अंतरराष्ट्रीय अलगाव को बढ़ाने जैसी कार्रवाई कर सकते हैं। 

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